Tuesday, October 9, 2018

कलश स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र शुरू


 झारखंड में कलश स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र शुरू हो गया है। विभिन्न दुर्गामंडपों के साथ ही कई भक्तों ने अपने अपने घरों में भी कलश स्थापना कर पूजोपासना शुरू कर दिया है। इस दुर्गोत्सव की अलग महिमा है यही वजह है कि भक्तगण पूरी श्रद्धा से शक्ति की उपासना करते है। नौ दिन दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रम में प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
                              नवरात्र वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र, आषाढ़ व अश्विन महिने में प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिनों में मनाया जाता है। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाला नवरात्र शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है तथा यह देश में ज्यादा प्रसिद्ध भी है। दशमी के दिन काफी धूमधाम से दशहरा भी मनाया जाता है। बताते चलें कि नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है। ये नौ रूप क्रमशः शैलपुत्री, ब्रहमचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं कालरात्रि हैं। 
ज्योतिषिय गणना के अनुसार 10 अक्टूबर को प्रतिपदा है लिहाजा कलश स्थापना प्रतिपदा तिथि में ही की गयी। इस शारदीय नवरात्र. में मां दुर्गा का आगमन नाव से होगा तथा विदाई हाथी पर होगी। 17 अक्टूबर को अष्टमी, 18 को नवमी तथा 19 को विजयादशमी मनाया जाएगा।